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Wednesday, April 27, 2016

आ चल के तुझे......



 
आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं
इक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
इक ऐसे गगन के तले

सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे  
चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे   
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
लम्बी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी नो हो,  आँसू भी न हो ...

जहाँ दूर नज़र दौड़ आए, आज़ाद गगन लहराए
जहाँ रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएं   
सपनो मे पली हँसती हो कली
जहाँ शाम सुहानी ढले
जहाँ ग़म भी न हो,  आँसू भी न हो ...
आ चल के तुझे मैं ले के चलूं ...
गीत:शैलेन्द्र ,गायन और सॅगीत:किशोर कुमार, फिल्म: दूर गगन 
की छांव में(1964)
 
https://youtu.be/-YAs2cQAiE8

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