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Wednesday, November 4, 2015

अमिताभ बच्चन खामोश ही रहना !!!

प्रतिकविता

 

 

 अमिताभ बच्चन खामोश ही रहना !!!

दिलीप कुमार साहेब
आप कुछ ना बोलना
आपके , हम सबके लिए
गाते -गाते मोहम्मद रफी गुजर गए

और ये तो मत ही बोलना
आपको बॉम्बे टॉकीज़ के दिनों
यूसूफ खान नाम की जगह
दिलीप कुमार नाम
बड़े प्यार से दिया था
इक हिन्दू साहित्यकार
भगवती चरण वर्मा ने
और आपने प्यार से ही
ये नया नाम कबूल कर लिया

ऐ आर रहमान
आपको बिथोवन की कसम
ना बोलना कि आपका नाम
दिलीप कुमार साहेब
के नाम पर
दिलीप कुमार ही था

ये तो कत्तई ना बोलना
आप बालिग़ होकर
स्वेच्छा से दिलीप कुमार से
ऐ आर रहमान बन गए

नौशाद साहेब
आप गुजर गए
वर्ना हम आपको
क्या मुंह दिखाते

वहीदा रहमान जी
हम और शर्मिन्दा होंगे
गर आपको भी बोलना पड़े

खुदा का वास्ता नर्गिस
कब्र से भी ना बोलना
सुनील दत्त बोल-बोल
गुज़र गए
मदर इंडिया से
मालाबार हिल्स की
पहली पडोसन
सायरा बानो तक

आमिर खान
आपको आपके सबसे छोटे बच्चे
आज़ाद राव खान की कसम
अब और ना बोलना
बहुत बोल चुके
सबने देखा है
सत्यमेव जयते

सैफ अली खान
आपके बोलने की जरुरत नहीं
आपकी अम्मा बोल चुकी
हाँ , तस्दीक कर देना
आपके पिता
मंसूर अली खान पटौदी संग
उनके निकाह बाद भी
हमने उन्हें शर्मिला टैगोर ही जाना
आयेशा खान नहीं

सलमान खान ,
तुम तो बीच में ना ही पड़ना
हिन्दू से मुस्लिम बनीं तुम्हारी सगी माँ
और कैथोलिक ईसाई बनी रहीं
सौतेली माँ हेलन
दोनों माँ की कसम
तुम कुछ भी बोले
तो लोचा आ जाएगा

गुलज़ार साहिब
आप सबसे पहले बोले
सही किया , बोस्की कसम
मर कर भी कुछ तो शकुन
मिला होगा
मीना कुमारी को

शाहरूख , जो बोला सो बोला
जन्मदिन था आपका
सौ खून कर देते तो भी
शायद माफ ही कर देते
वो सब जिन्हे
आपके नाम से ज्यादा
काम से मतलब है

लाख टके का काम किया
हम सब को आईना दिखा कर
पर आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के सिपाही
अपने नाना शाहनवाज़ खान ही नहीं
अपनी बीवी गौरी
और तीनों बच्चों
आर्यन , सुहाना और अ-ब्-राम
की भी कसम
और कुछ ना बोलना
टुकड़े -टुकड़े हो गए
आईने हर हिन्दुस्तानी के

अमिताभ बच्चन
आप खामोश ही रहना
आपको अपने कवि-पिता
और सहृदय माँ की भी कसम

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