20 फरवरी 2022 को पंजाब विधान सभा की सभी 117 सीटों और उत्तर प्रदेश के 16 जिलों की 59 सीटों पर वोटिंग बहुत तेज रफ्तार से हुई। काउंटिंग 10 मार्च को निर्धारित है। सुबह 11 बजे तक पंजाब में 17.77 फीसद और उत्तर प्रदेश में 21.18% वोटिंग हो चुकी थी. पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने गांव , सैफई में एक स्कूल जाकर वोट दिया। वह सपा के मौजूदा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिता हैं.
यूपी में दो दौर की वोटिंग पूरी हो गई है। निर्वाचन आयोग से मिले फायनल आंकड़ों के मुताबिक दूसरे चरण में मुस्लिम और दलित बहुल 9 जिलों की 55 सीटों पर 2.02 करोड़ वोटर में से 64.42 फीसद ने वोट डाले थे , जो 2017 की पिछली वोटिंग से 9.45 फीसदी कम है. इन 55 सीटों में से भाजपा ने 2017 में 38 जीती थीं। तब आपसी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। सपा की 15 में 10 सीटों पर मुस्लिम जीते थे। पहले चरण में 10 फरवरी को जाट बहुल 54 सीटों पर वोटिंग हुई , जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) को 46 फीसद वोट मिले थे। उस क्षेत्र की आबादी में 17 फीसद जाट और 24 फीसद मुस्लिम वोट हैं।
कहा जाता है कि पिछली बार मुस्लिम आधा वोट सपा और बसपा को चला गया था
और गैर-जाटव दलित का बड़ा हिस्सा भाजपा के साथ हो लिया। इस बार अधिकतर जाट और
मुस्लिम वोट भी जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) आदि के साथ सपा के बने “
महागठबंधन “ के साथ हो लेने की उम्मीदें है।
वोटिंग में हल्का अंतर
वोटिंग में हल्का भी अंतर होने से चुनाव परिणाम बदल जाते है। शिक्षित राज्य केरल में ये पुराना ट्रेंड है, जहां वोटों में बहुत कम अंतर होने से भी सरकार बदल जाती है। लेकिन इस बार इन 55 सीटों पर वोटिंग 3 फीसद कम होने के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गठबंधन सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है। भाजपा को जबरदस्त नुकसान और सपा महागठबंधन को बहुत फायदा होने का आंकलन है।
इन 55 सीटों पर 2012 के चुनाव में 65.17 फीसदी वोट पड़े थे , जो 2017 में थोड़ा बढ़कर 0.36 फीसद हो गए थे। वोटिंग में इस थोड़ी ही बढ़ोत्तरी से भाजपा को जबरदस्त फायदा हुआ था। पिछली बार इन सीटों में से भाजपा को 38 और सपा के कांग्रेस के साथ के गठबंधन को 17 सीटें मिली थीं. तब बसपा और आरएलडी को एक सीट भी नसीब नहीं हुई थी। इस बार इन 55 सीटों पर नए महागठबंधन के 19 , बसपा के 23 , कांग्रेस के 21 और तेलंगाना से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के 19 उम्मीदवार हैं. इन चार पार्टियों के कुल मिलाकर 77 मुस्लिम उम्मीदवार हैं।
पंजाब
बलात्कार के जुर्म में अदालत के ऑर्डर पर जेल में बंद “ डेरा सच्चा सौदा “ ( सिरसा , हरियाणा) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने परोल पर बाहर आने के बाद चुनावों में सक्रिय बताए जाते है।माना जाता है पंजाब की 117 में से 56 सीटों पर , खास कर मालवा क्षेत्र में डेरे का असर है। डेरा सूतरों के मुताबिक तलवंडी साबो से निर्दलीय उम्मीदवार हरमिंदर सिंह जस्सी को समर्थन देने कहा गया है जो राम रहीम का समधी है। जस्सी पहले कांग्रेस में थे। पार्टी टिकट नहीं मिलने से इस बार निर्दलीय खड़े हो गए हैं। इससे पहले वे तीन चुनाव हार चुके हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक साल (इनेलो) के प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की पैरोल का भाजपा को पंजाब चुनाव में फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा देश भर के लोग भाजपा सरकार से नाराज है। भाजपा के जन प्रतिनिधि पार्टी छोड़ भाग रहे हैं। मुख्यमंत्री को भी लोग अपने क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से उतरने नहीं देते हैं।उन्होंने पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ( बादल ) को समर्थन देने की बात कही।
मणिपुर
मणिपुर में परिवर्तित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार अब वोटिंग 28 फरवरी
और 5 मार्च को होगी. राज्य में भाजपा का किसी पार्टी के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन
नहीं है। कांग्रेस का सीपीआई, सीपीएम, फॉरवर्ड
ब्लॉक, आरएसपी, जेडी (एस) के साथ
गठबंधन है। मणिपुर में कांग्रेस की स्थिति भाजपा से मजबूत बताई जाती है।
गोआ
इस राज्य की सभी 40 सीटों पर एक ही चरण में 14 फरवरी को वोटिंग पूरी हो चुकी है जिसमें करीब 79 फीसद मतदान हुआ. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपनी भाजपा की जीत का विश्वास व्यक्त किया है. भाजपा की टक्कर कांग्रेस से है.
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