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Sunday, August 30, 2015

बाअदब:  008

 खुदा - नाखुदा 

 

खुदा है नहीं है बन्दे और काफिर जाने
नहीं है फिर है क्यों  खुदा क्या बन्दे जाने

खुदा नही पर है ये माज़रा हम क्या जाने
ना बन्दे जाने नाखुदा ना काफिर खुदा जाने
खुदा का रहमो-करम उसके बन्दे ही जाने
खुदा का कहर भी है कोई काफिर क्यों जाने 

खुदा के बन्दों माफ कर काफिरों हमें माफ कर
ना हमें खुदा के बन्दे जाने ना हम काफिर जाने

बरस दर बरस बीते कायम रहे उम्मीद क्या कम है
खुदा नही खुदाई भी नहीं खुद से उम्मीद क्या कम है

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